Description
अपामार्ग उत्तर भारत में पाया जाने वाला एक औषधीय क्षुप है। इसे ‘चिरचिटा’, ‘लटजीरा’, ‘चिरचिरा ‘ आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों का भरपूर वर्णन मिलता है। इसके आध्यात्मिक प्रयोगों के विषय में तंत्र ग्रंथो, ज्योतिष शास्त्र व अथर्ववेद में बृहत वर्णन मिलता है। अपामार्ग के पत्ते गणेश पूजा, हरतालिका पूजा, मंगला गौरी पूजा आदि में पात्र पूजा के समय काम आते है।
ज्योतिष में बुध ग्रह को इस जड़ी का कारक माना जाता है। अतः इसको धारण करने से बुध ग्रह से संबंधित विशेष लाभ मिलते हैं। छात्रों, प्रसूता स्त्रियों व डिजिटल मीडिया तथा संवाद क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह बेहद लाभकारी जड़ी है।
आयुर्वेदाचार्य तंत्र चिकित्सक डॉ जयनारायण पाराशर जी ने कई वर्षों के गहन शोध के पश्चात कुछ विशेष मंत्रों व क्रियाओं के माध्यम से इस जड़ी को विशिष्ट अभिमंत्रित कर अत्यंत लाभकारी कवच का रूप दिया है।
उत्तम मुहूर्त में पहले इस जड़ी को निमंत्रण दिया जाता है, तत्पश्चात वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा जड़ी को उखाड़ा जाता है फिर योग्य आचार्यों द्वारा आचार्यश्री के निर्देशानुसार मंत्रजाप द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है तथा अंत में आचार्य श्री स्वयं इसमें विशेष सकारात्मक ऊर्जा का प्रतिपादन करते हैं। इस प्रकार यह जड़ी एक अत्यंत शक्तिशाली कवच में परिणत हो जाती है।
इस गुप्त नवरात्रि में भी एक सीमित संख्या में अपामार्ग जड़ी कवच का निर्माण संस्थान द्वारा किया जायेगा। धार्मिक सज्जन अग्रिम पंजीकरण करवा इस विशेष जड़ी का लाभ अवश्य लें।
!! जय मां भगवती भवानी !!
Reviews
There are no reviews yet.